वडोदरा के हरनी झील में नाव पलटने की घटना में अपने बच्चों को खोने का दुख मनाने वालों में एक दंपति भी है, जिन्होंने शादी के 17 साल बाद पैदा हुए अपने दो बच्चों को खो दिया है।
गुजरात के वडोदरा में हरनी झील में एक नाव पलट गई, जिसमें पिकनिक पर गए 12 बच्चों और 2 शिक्षकों सहित 14 लोगों की मौत हो गई।नाव पर एक निजी स्कूल के 27 छात्र सवार थे और आरोप है कि उनमें से किसी के पास भी लाइफ जैकेट नहीं थी।घटना के बाद अग्निशमन विभाग छात्रों की तलाश में जुट गया है.एक छात्र को मृत घोषित कर दिया गया है और अन्य की तलाश की जा रही है।
रिपोर्टों के अनुसार, दंपति के रिश्तेदार ने कहा कि झील से बाहर निकालने के बाद दोनों बच्चों को पहले एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें पुनर्जीवित नहीं किया जा सका। रिश्तेदार ने कहा, “वे अपने माता-पिता की शादी के 17 साल बाद पैदा हुए थे… माता-पिता ने दो बच्चों के जन्म से पहले वर्षों तक विभिन्न मंदिरों में प्रार्थना की थी।”
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वड़ोदरा में नाव पलटने की इस घंटा से मचा हड़कंप
हरणी झील में नाव पलटने की घटना पर प्रशासन में हड़कंप मच गया। कलेक्टर ए बी गोर और पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत मौके पर पहुंचे। प्राथमिक जांच में वडोदरा नगर निगम की लापरवाही सामने आई है। इस झील में वोट का संचालन नगर निगम की देखरेख में होता था।
ऐसा माना जा रहा है कि नाव पर क्षमता से अधिक छात्रों और शिक्षकों की मौजूदगी के चलते यह हादसा हुआ है। घटन के बाद रेक्यू किए गए छात्रों और शिक्षकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
वडोदरा के मुख्य अग्निशमन अधिकारी पार्थ ब्रह्मभट्ट ने पीटीआई को बताया कि अग्निशमन विभाग ने अब तक सात विद्यार्थियों को बचा लिया है, जबकि उनकी तलाश जारी है।” जो अभी भी गायब हैं. इस घटना को ले कर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की इस घटना के पीछे सरकार की लापरवाही भी एक मुख्य कारन है इसी के साथ राज्य में कानून व्यवश्था पर भी सवाल खड़े किये।
राज्य और केंद्र सरकार के रहत कोष से मिली मदद
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवार के लिए प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये और घायलों के परिवारों के लिए 50,000 रुपये की सहायता की घोषणा की।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने अपनी नियुक्तियां रद्द कर दी हैं और वडोदरा के लिए रवाना होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार मृतकों के परिवार को 4 लाख रुपये और घायलों के परिवार को 50,000 रुपये की राहत राशि देगी.
उन्होंने कहा, “वर्तमान में, सिस्टम के माध्यम से आपातकालीन राहत-बचाव और उपचार कार्य चल रहे हैं। हम सभी महसूस करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके।”
वडोदरा के विधायक शैलेश मेहता ने कहा, “यह नाव ठेकेदार की गलती थी। नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार थे। सरकार से ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा जाएगा।”
नहीं थे सुरक्षा के कोई इंतज़ाम
वड़ोदरा में नाव पलटने की इस घटना में सामने आया है कि छात्रों को लाइफ जैकेट नहीं पहनाई गई थी। नाव में आपात स्थिति से निपटने के दूसरे इंतजाम भी नहीं थे। वडोदरा के कलेक्टर एबी गोर ने इस पूरे मामले की जांच की बात कही है। तो वहीं वडोदरा नगर निगम की स्टैडिंग कमेटी के चेयरमैन डॉ. शीतल मिस्त्री ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मिस्त्री ने कहा कि अभी पूरा ध्यान रेस्क्यू ऑपरेशन पर है। जांच में सामने आया है कि वोट की कुल क्षमता 16 लोगों की थी, लेकिन इसमें ज्यादा छात्राें और शिक्षकों को बैठाया गया।