One Nation, One Poll पर कांग्रेस का BJP पर करारा तंज: 2/3 बहुमत का सवाल!

By admin

Published On:

Follow Us
One Nation,One Poll

भारतीय राजनीति में एक बार फिर “One Nation, One Poll” का मुद्दा गरमा गया है। केंद्र सरकार द्वारा इस विचार को आगे बढ़ाने के प्रयासों पर कांग्रेस ने एक तीखा तंज कसते हुए सवाल उठाया है कि क्या इसके लिए बीजेपी के पास संवैधानिक रूप से आवश्यक दो-तिहाई बहुमत है? आइए जानते हैं इस विवाद के पीछे की कहानी।

Table of Contents

Join Our WhatsApp Group Join Now
Join Our Telegram Group Join Now
Follow our Instagram page Join Now

“One Nation, One Poll” का विचार

“One Nation, One Poll” का मतलब है कि देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं। केंद्र सरकार का दावा है कि इससे चुनावी खर्च में कटौती होगी, प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी और जनता पर लगातार चुनाव का दबाव खत्म होगा। हालांकि, यह विचार उतना सीधा नहीं जितना दिखता है। इसे लागू करने के लिए संविधान में कई संशोधन करने की जरूरत पड़ेगी।

Also Read: KVS Vacancy 2024: केंद्रीय विद्यालय में 60,000 टीचर्स की भर्ती, जानें आवेदन की प्रक्रिया!

कांग्रेस का कटाक्ष

कांग्रेस ने बीजेपी के इस विचार पर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी ने पूछा है कि क्या बीजेपी को संविधान संशोधन के लिए जरूरी दो-तिहाई बहुमत का समर्थन मिल पाएगा? कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि “यह कदम लोकतंत्र को कमजोर करने और संघीय ढांचे को हानि पहुंचाने की कोशिश है। बीजेपी पहले अपने गिरेबान में झांके और यह सोचे कि क्या यह फैसला देशहित में है या केवल राजनीतिक लाभ के लिए।”

क्या है चुनौती?

“One Nation, One Poll” को लागू करना सिर्फ एक विचार नहीं, बल्कि एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 83, 85, 172, 174 और 356 में संशोधन की जरूरत है। यह प्रक्रिया तभी संभव है जब संसद और राज्य विधानसभाओं में दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पास हो।

Also Read: CTET Exam Date 2024 की तारीख में हुआ बड़ा बदलाव: सीटेट परीक्षा रद्द, जानें पूरी खबर!

कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी के पास अभी ऐसा बहुमत नहीं है और कई सहयोगी दल भी इस विचार के खिलाफ हैं। विपक्षी पार्टियों का मानना है कि इस कदम से राज्यों की स्वायत्तता पर प्रहार होगा और केंद्र को ज्यादा ताकत मिल जाएगी।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

“One Nation, One Poll” पर चर्चा नई नहीं है। यह विचार पहली बार 1999 में लॉ कमीशन की रिपोर्ट में सामने आया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे कई मंचों पर उठाया है। हालांकि, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने हमेशा इसे लेकर संदेह जताया है। उनका तर्क है कि यह विचार जमीनी हकीकत से परे है और भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में इसे लागू करना व्यावहारिक नहीं है।

जनता की राय

जनता के बीच भी इस मुद्दे पर मतभेद हैं। कुछ लोगों का मानना है कि लगातार चुनावों से सरकार के फैसले प्रभावित होते हैं, वहीं कुछ का कहना है कि यह कदम लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।

निष्कर्ष

“One Nation, One Poll” पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जारी तकरार ने एक बार फिर भारतीय राजनीति को गर्मा दिया है। क्या बीजेपी के पास इसे लागू करने का समर्थन जुटाने की ताकत है, यह तो समय ही बताएगा। लेकिन यह साफ है कि इस मुद्दे पर विपक्ष और सरकार के बीच लंबी खींचतान होने वाली है।

Also Read: SSC CGL 2025 Exam Date: क्या एग्जाम पर संकट के बादल? नोटिफिकेशन रद्द होने से मची हलचल!

क्या “One Nation, One Poll” सच में देश को फायदा पहुंचाएगा, या यह केवल एक राजनीतिक चाल है? आपके विचार क्या हैं? हमें जरूर बताएं।

Also Read: NDA EXAM DATE 2024: नेशनल डिफेंस एकेडमी एग्जाम पर संकट! नोटिफिकेशन पर क्यों लगी रोक?

Also Read: ARMY MES Bharti 2024: 41,822 पदों पर बंपर भर्ती! सुनहरा मौका, पूरी जानकारी के साथ अभी करें आवेदन

FAQs

  • “One Nation, One Poll” क्या है?
    यह एक विचार है जिसके तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे, जिससे समय और पैसे की बचत हो सके।

  • इसे लागू करने के लिए क्या जरूरी है?
    संविधान में कई संशोधन और संसद तथा विधानसभाओं में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।

  • कांग्रेस इस पर क्यों आपत्ति जता रही है?
    कांग्रेस का मानना है कि यह संघीय ढांचे को कमजोर करने और केंद्र को ज्यादा ताकत देने का प्रयास है।

  • इस विचार के समर्थक कौन हैं?
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी इसे समर्थन देते हैं, जबकि कई विपक्षी दल इससे असहमति जताते हैं।
Join Out WhatsApp Group Join Now
Join Our Telegram Group Join Now
Follow our Instagram page Join Now

Leave a Comment