4 कुओं से शुरुआत करके जून तक 45,000 बैरल प्रतिदिन का लक्ष्य। यह कच्चे तेल और गैस उत्पादन दोनों में 7% का योगदान देगा।
OIL EXTRACTION के लिए केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से 30 किलोमीटर दूर एक गहरे समुद्र परियोजना से पहला तेल 7 जनवरी को निकाला गया था।
OIL ECTRACTION के बारे में बोलते हुए पुरी ने कहा, ”कृष्णा गोदावरी बेसिन में काकीनाडा के तट से 30 किलोमीटर दूर कल पहला तेल निकाला गया. 2016-17 में इस पर काम शुरू हुआ, फिर कोविड के कारण कुछ देरी हुई, लेकिन मैं मुझे यकीन है कि वहां मौजूद 26 कुओं में से 4 कुएँ पहले से ही चालू हैं।”
सरकारी स्वामित्व वाली तेल कंपनी ONGC ने बंगाल की खाड़ी में स्थित अपनी नई OIL EXTRACTION, कृष्णा गोदावरी डीप-वॉटर ब्लॉक 98/2 से उत्पादन को गर्व से हरी झंडी दिखा दी है। यह रोमांचक खबर भारत की सीमा के भीतर एक और कच्चे तेल की खोज का खुलासा करती है, जो देश के ऊर्जा संसाधनों को बढ़ावा देती है। समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्पादक स्थल काकीनाडा के तट से लगभग 30 किलोमीटर दूर है, जो कृष्णा गोदावरी बेसिन में स्थित हैONGC
नई दिल्ली. भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) ने रविवार को कृष्णा-गोदावरी घाटी से कच्चे तेल के प्रोडक्शन की शुरुआत कर दी. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रीप सिंह पुरी ने X.com (पूर्वव्ती ट्विटर) पर इसकी जानक्री दी. हरदीप सिंह पुरी ने एक्स पर लिखा, “बंगाल की खाड़ी में तट से दूर जटिल और कठिन डीपवॉटर KG-DWN-98/2 ब्लॉक में “पहला ऑयल” प्रोडक्शन शुरू.
उन्होंने बताया कि यहां से 45,000 बैरल प्रतिदिन तेल निकले जानेले माने का अरुमाध है. इसके अलावा यहां से 1 करोड़ क्यूबिक मीटर गैस हर किमले माने की मारेसा हहां. बकौल केंद्रीय मंत्री, यह देश को एनर्मी आत्ममॿर्भर भारत की ओर लेकॾ. उन्होंने लिखा कि यहां से तेल निकलेगा वह देश के मौजूदा ऑयल प्रोडक्शन में 7 फीसदी और गैस प्रोडक्शन में भी 7 फीसदी का इजाफा करेगा. हालांकि, इससे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर क्या असर होगा इसे लेकर केंद्रीय मंत्री ने कुछ नहीं कहा है.
भारत में कच्चे तेल का प्रोडक्शन
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 (दिसंबर 2019 तक का डाटा) में भारत ने कुल 24376 मीट्रिक टन कच्चे तेल का उत्पादन किया. इसमें ऑफशोर (तट से समुद्र में) से 12021 मीट्रिक टन तेल निकाला गया. वहीं, ऑनशोर (जमीन से राज्यों के अंदर) 12355 मीट्रिक टन ते निकाला गया. इसमें सरकारी और गैर-सरकारी (जॉइंट वेंचर) दोनों तरह की कंपनियों द्वारा निकाला गया तेल शामिल है. ऑनशोर और ऑफशोर दोनों ही मामलों में सरकारी कंपनियों का प्रोडक्शन निजी कंपनिया/जॉइंट वेंचर से ज्यादा रहा.
“बधाई भारत! #ONGCजीतेगाटूभारतजीतेगा! जैसे-जैसे भारत प्रधानमंत्री @नरेंद्रमोदी जी के नेतृत्व में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा है, हमारा ऊर्जा उत्पादन भी #कृष्णगोदावरी की सबसे गहरी सीमाओं से बढ़ने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ”पहला तेल” उत्पादन बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित जटिल और कठिन गहरे पानी केजी-डीडब्ल्यूएन-98/2 ब्लॉक से शुरू होता है। उन्होंने आगे कहा कि उत्पादन प्रति दिन 45,000 बैरल और प्रति दिन 10 मिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक गैस होने की उम्मीद है, जो ऊर्जा आत्मनिर्भर भारत में योगदान देगा। “इस परियोजना से वर्तमान राष्ट्रीय तेल उत्पादन में 7 प्रतिशत और राष्ट्रीय प्राकृतिक गैस उत्पादन में 7 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है!” उसने जोड़ा। (एएनआई)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि- “यह भारत की ऊर्जा यात्रा में एक उल्लेखनीय कदम है और आत्मनिर्भर भारत के हमारे मिशन को बढ़ावा देता है. इससे हमारी अर्थव्यवस्था को भी कई फायदे होंगे.
कहाँ से हो रहा है OIL EXTRACTION
बंगाल की खाड़ी में कृष्णा नदी के बेसिन में KG-DWN-98/2 ब्लॉक में पहली बार तेल का उत्पादन किया गया। कृष्णा गोदावरी बेसिन के जिस प्रोजेक्ट से OIL EXTACTION किया जा रहा है वह बंगाल की खाड़ी के डेल्टा का हिस्सा है और आंध्रप्रदेश की जल सीमा से 35 किलोमीटर दूर है। इस पूरे ब्लॉक को तीन कल्स्टर्स – 1, 2, 3 में बांटा गया है और अभी क्लस्टर-2 में तेल का उत्पादन शुरू किया गया है। क्लस्टर-2 से तेल उत्पादन नवंबर 2021 तक शुरू होना था, लेकिन वैश्विक महामारी के कारण इसमें देरी हुई
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