Chess: शतरंज की दुनिया में हर चाल मायने रखती है, चाहे वो बोर्ड पर हो या उसके बाहर। विश्व शतरंज चैंपियनशिप में भारतीय Grandmaster Gukesh ने Chinese champion Ding Liren के खिलाफ अपने मुकाबले से पहले एक ऐसा कदम उठाया जिसने चर्चा का बाजार गर्म कर दिया।
इस बार चर्चा उनकी चालों से पहले उनकी ‘कुर्सी’ पर हो रही है। हाँ, आपने सही सुना! गुकेश ने प्रतियोगिता के लिए अपनी विशेष कुर्सी का चयन किया है, जिसे उनके खेल और मानसिकता के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है। यह कदम उनके आत्मविश्वास और अपने खेल में महारत को दर्शाता है।
कुर्सी का Chess में महत्व
Chess के खेल में खिलाड़ी लंबे समय तक बैठकर अपनी मानसिक ऊर्जा का उपयोग करते हैं। ऐसे में एक आरामदायक और सही पॉश्चर देने वाली कुर्सी मानसिक स्थिरता और बेहतर प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाती है। Gukesh का यह कदम सिर्फ आराम तक सीमित नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि वे हर छोटे से छोटे पहलू को गंभीरता से लेते हैं।
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डिंग लिरेन के खिलाफ बड़ी तैयारी
डिंग लिरेन जैसे अनुभवी खिलाड़ी के खिलाफ मुकाबला आसान नहीं है। लेकिन Gukesh ने यह संकेत दे दिया है कि वह सिर्फ अपनी चालों पर नहीं, बल्कि अपनी मानसिक तैयारी पर भी बराबर ध्यान दे रहे हैं। उनकी कुर्सी के चयन ने यह साबित कर दिया है कि शतरंज सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक मानसिक युद्ध है।
Gukesh का संदेश
Gukesh का यह कदम उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो शतरंज या किसी भी क्षेत्र में अपने प्रदर्शन को नई ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं। यह हमें सिखाता है कि सफलता केवल बड़े कदमों से नहीं, बल्कि हर छोटे निर्णय को सही तरीके से लेने से मिलती है।
तो क्या यह खास कुर्सी गुकेश को डिंग लिरेन के खिलाफ जीत दिलाने में मदद करेगी? यह देखने के लिए हमें चैंपियनशिप का इंतजार करना होगा। लेकिन एक बात तय है – गुकेश ने अपने अनोखे अंदाज से पहले ही सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।
शतरंज के इस दिलचस्प मुकाबले के लिए आप कितने उत्साहित हैं? अपनी राय कमेंट्स में जरूर बताएं!
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